न्यूपोर्ट बीच (कैलिफोर्निया), 18 दिसंबर (हि.स.)।
वैश्विक पत्रकारिता जगत के दिग्गज और पुलित्जर पुरस्कार विजेता युद्ध संवाददाता पीटर अर्नेट का बुधवार को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने कैलिफोर्निया के न्यूपोर्ट बीच में अंतिम सांस ली। उनके निधन के साथ ही युद्ध पत्रकारिता के एक ऐतिहासिक अध्याय का अंत हो गया।
वियतनाम युद्ध से मिली वैश्विक पहचान
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, पीटर अर्नेट को 1966 में एसोसिएटेड प्रेस (AP) के लिए वियतनाम युद्ध की निर्भीक और जमीनी रिपोर्टिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग श्रेणी में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1962 से 1975 तक वियतनाम युद्ध की शुरुआत से अंत तक लगातार रिपोर्टिंग की।
उनकी रिपोर्टिंग ने युद्ध की भयावह सच्चाइयों को दुनिया के सामने रखा—धान के खेतों, बमबारी और आम नागरिकों के दर्द को शब्दों और तस्वीरों में उतारा।
खाड़ी युद्ध में CNN से ऐतिहासिक लाइव कवरेज
पीटर अर्नेट 1991 में पहले खाड़ी युद्ध के दौरान CNN के लिए बगदाद से लाइव रिपोर्टिंग करने के बाद घर-घर में पहचाना जाने वाला नाम बन गए। युद्ध क्षेत्र से सीधा प्रसारण उस दौर में पत्रकारिता का नया अध्याय था।
उन्होंने न केवल अग्रिम मोर्चे की रिपोर्टिंग की, बल्कि इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन और आतंकी ओसामा बिन लादेन जैसे विवादास्पद व्यक्तियों के इंटरव्यू भी किए, जिसने वैश्विक स्तर पर बहस छेड़ी।
अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता में लंबा सफर
अर्नेट ने AP में इंडोनेशिया संवाददाता के रूप में करियर की शुरुआत की और इसके बाद वियतनाम पहुंचे। 1981 तक वे AP से जुड़े रहे, फिर CNN का हिस्सा बने।
1999 में CNN छोड़ने के बाद उन्होंने NBC और नेशनल जियोग्राफिक के लिए 2003 के दूसरे खाड़ी युद्ध की रिपोर्टिंग की।
इसके अलावा उन्होंने ताइवान, संयुक्त अरब अमीरात और बेल्जियम के मीडिया संस्थानों के लिए भी कार्य किया।
पत्रकारिता शिक्षक के रूप में दूसरा अध्याय
2007 में पीटर अर्नेट ने चीन की शान्तौ यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता पढ़ाना शुरू किया। 2014 में सेवानिवृत्त होने के बाद वे अपनी पत्नी नीना गुयेन के साथ दक्षिणी कैलिफोर्निया के फाउंटेन वैली में रहने लगे।
निजी जीवन और अंतिम समय
पीटर अर्नेट का जन्म 13 नवंबर 1934 को न्यूजीलैंड के रिवर्टन में हुआ था। उन्होंने हाईस्कूल के बाद ही स्थानीय अखबार साउथलैंड टाइम्स से पत्रकारिता की शुरुआत की।
उनके बेटे एंड्रयू अर्नेट के अनुसार, वे प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे और अंतिम समय में परिवार व करीबी मित्र उनके साथ मौजूद थे।
उनके परिवार में पत्नी नीना गुयेन और बच्चे एल्सा और एंड्रयू हैं।
पत्रकारिता जगत को अपूरणीय क्षति
पीटर अर्नेट का जीवन साहस, सच्चाई और निष्पक्ष रिपोर्टिंग का प्रतीक रहा। उन्होंने युद्ध की भयावहता को दुनिया के सामने लाकर पत्रकारिता को नई दिशा दी। उनका निधन वैश्विक मीडिया जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।




