जौनपुर, 05 दिसंबर। मछली शहर की सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने अवैध घुसपैठियों की पहचान को लेकर शुरू हुई एसआईआर प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कार्रवाई निष्पक्ष, व्यावहारिक और पारदर्शी होनी चाहिए।
बीएलओ की अप्रशिक्षित टीमों पर उठाए सवाल
डॉ. सोनकर ने कहा कि एसआईआर (Survey of Infiltration and Residents) का काम जल्दबाज़ी में शुरू कर दिया गया। कई बीएलओ इस प्रक्रिया में प्रशिक्षित नहीं हैं, जिसके कारण आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि कई ऐसे पुराने मतदाता, जिन्होंने 2003 और 2024 में मतदान किया है, उनके नाम अभी भी सूचियों में नहीं हैं।
महिलाओं और दूसरे जिलों से आई बहुओं के सामने दिक्कतें
उन्होंने विशेष रूप से उन महिलाओं की समस्या उठाई जो विवाह के बाद अन्य जिलों या प्रदेशों से आई हैं।
डेटा न मिलने और दस्तावेज़ न होने के कारण कई महिलाओं की नागरिकता जांच प्रभावित हो रही है।
उन्होंने कहा—
“सरकार बताए कि एसआईआर में कितनी महिलाओं के नाम काटे गए और कितने जोड़े गए। इससे पता चलेगा कि सरकार वास्तव में महिलाओं की हितैषी है या नहीं।”
आधार को लेकर भी सवाल
विधायक ने आधार कार्ड की वैधता पर सरकार की अस्पष्ट नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यदि सरकार खुद आधार को नागरिकता प्रमाण नहीं मानती, तो गरीबों और दस्तावेज़हीन लोगों का क्या होगा?
उन्होंने आशंका जताई कि कहीं ऐसे लोग भी घुसपैठिया घोषित न कर दिए जाएं जिनके पास आधार के अलावा कोई दूसरा कागज नहीं है।




