हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकारा
जोधपुर, 17 सितंबर। राजस्थान हाईकोर्ट ने नागौर पुलिस द्वारा दहेज प्रताड़ना मामले में बिना नोटिस दो भाइयों को गिरफ्तार किए जाने पर सख्त आदेश जारी किया है। जस्टिस विनीत कुमार माथुर और जस्टिस अनुरूप सिंह की खंडपीठ ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता द्वारा 5 जुलाई 2024 को दायर आवेदन पर छह सप्ताह के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
अर्नेश कुमार गाइडलाइन का उल्लंघन
बीकानेर निवासी वैदिक और उनके छोटे भाई को नागौर महिला थाने की पुलिस ने 15 जून 2024 को गिरफ्तार किया था। एडवोकेट विजय विश्नोई ने याचिका में बताया कि यह गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट की अर्नेश कुमार गाइडलाइन का उल्लंघन थी। गाइडलाइन के अनुसार, सात साल या उससे कम सजा वाले अपराधों में आरोपित को पहले नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाना अनिवार्य है।
कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन
दोनों भाइयों को 16 जून 2024 को मकराना न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, और अदालत ने 18 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बाद में 26 जून 2024 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उन्हें जमानत दे दी। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मामला पारिवारिक विवाद के कारण दर्ज किया गया था।
आदेश और आगे की कार्रवाई
हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को स्पष्ट निर्देश दिए कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का जानबूझकर उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। खंडपीठ ने पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के ध्यान में लाया कि गिरफ्तारी केवल कानूनी और आवश्यक होने पर ही होनी चाहिए।
निष्कर्ष
यह आदेश पुलिस और प्रशासन के लिए सख्त चेतावनी है कि वे अर्नेश कुमार गाइडलाइन का पालन करें और बिना नोटिस किसी को गिरफ्तार न करें। कोर्ट ने छह सप्ताह के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए रजिस्ट्रार जनरल को जिम्मेदार ठहराया है।