कोलकाता, 17 नवंबर। आरजी कर मेडिकल कॉलेज घोटाला मामले में ईडी की कार्रवाई तेज हो गई है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 50 के तहत ईडी को पूर्व प्राचार्य संदीप घोष का बयान दर्ज करने की अनुमति मिल गई है। वे इस समय प्रेसिडेंसी सुधारगृह में बंद हैं।
कोलकाता स्थित ईडी की विशेष अदालत ने एजेंसी की याचिका पर मंजूरी देते हुए बयान रिकॉर्ड करने की अनुमति दी है। एजेंसी 14 दिसंबर को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करेगी।
कैसे खुला आरजी कर मेडिकल कॉलेज घोटाला?
पिछले वर्ष 9 अगस्त को अस्पताल से एक युवा महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। जांच में सामने आया कि उसकी हत्या और बलात्कार किया गया था। इस मामले में सिविक वॉलंटियर संजय राय को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई।
इसके बाद जब मामला सीबीआई को सौंपा गया, तभी आरजी कर मेडिकल कॉलेज घोटाला संबंधित वित्तीय अनियमितताओं की भी जांच शुरू हुई। संदीप घोष के कार्यकाल में कई गड़बड़ियों के आरोप थे, जो इस घटना के बाद फिर से उजागर हुए।
सीबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं का केस दर्ज किया और छापेमारी के दौरान उनके घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए।
कैसे जुड़ी ईडी?
अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपर अख्तर अली ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ईडी जांच की मांग की। इसके आधार पर ईडी ने सीबीआई की एफआईआर से “ईसीआईआर” दर्ज कर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
सूत्रों के मुताबिक, आरजी कर मेडिकल कॉलेज घोटाला में संदीप घोष ही नहीं, बल्कि अन्य कई अधिकारियों के नाम भी ईडी के राडार पर हैं।
आगे क्या?
ईडी की टीम जल्द ही जेल में जाकर उनका बयान दर्ज करेगी। बयान के बाद वित्तीय अनियमितताओं की जांच और तेज होने की संभावना है।



