दिल्ली, 19 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मानहानि के मामले में केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दी गई राहत अवधि को बढ़ा दिया है। जस्टिस एमएम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को करने का आदेश दिया।
शिवराज सिंह ने याचिका दायर कर कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी जमानती वारंट पर रोक लगाने की मांग की है। चौहान की याचिका पर कोर्ट ने 11 नवंबर 2024 को विवेक तन्खा को नोटिस जारी किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने शिवराज सिंह को निर्देश दिया था कि वो ट्रायल में लगातार पेश हों। चौहान ने ट्रायल कोर्ट में चल रहे आपराधिक मानहानि मामले को रद्द करने और जमानती वारंट पर रोक लगाने की मांग की है। चौहान ने पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने शिवराज सिंह की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने शिवराज सिंह, बीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि इन तीनों नेताओं ने मीडिया में उनके खिलाफ बयान देकर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। वर्ष 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इस दौरान विवेक तन्खा ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पंचायत और निकाय चुनाव में रोटेशन और परिसीमन को लेकर पैरवी की थी। आरोप है कि भाजपा नेताओं ने विवेक तन्खा को ओबीसी विरोधी बताते हुए उनके खिलाफ बयानबाजी की थी।