अहमदाबाद विमान हादसे में घायल फरीदाबाद निवासी एमबीबीएस छात्र केशव भड़ाना बुधवार रात अपने घर पहुंचा। दर्द से भरे अनुभव को साझा करते हुए उसने बताया कि वह अपने चार दोस्तों के साथ मैस में लंच कर रहा था, तभी गैस सिलेंडर धमाके के साथ छत का मलबा उनके ऊपर गिर पड़ा।
केशव ने कहा, “हम सब मलबे में दब गए। चारों तरफ धुआं और चीख-पुकार थी। मेरे पैरों पर लोहे का पिलर गिरा था। किसी तरह लेटकर खुद को बाहर निकाला, लेकिन मेरे चारों दोस्त मलबे में ही दबे रह गए।”
जैसे-तैसे बाहर निकल कर वह सीढ़ियों से नीचे पहुंचा। वहां एक सीनियर ने उसे देखा और अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में घायलों की भीड़ थी, अफरा-तफरी का माहौल था। 13 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अस्पताल आए और केशव से हालचाल जाना।
केशव के पिता, किसान देवेंद्र भड़ाना, ने बताया कि बेटे की खबर मिलते ही वे तुरंत दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे लेकिन फ्लाइट न मिलने पर बस से अहमदाबाद गए। उनका बेटा अभी भी पूरी तरह स्वस्थ नहीं है।
यह कहानी सिर्फ एक छात्र की नहीं, बल्कि हिम्मत, जज़्बे और जीवन के लिए संघर्ष की मिसाल है।