ट्रंप ने वेनेजुएला के तेल टैंकरों की पूरी नाकाबंदी का आदेश, मादुरो सरकार पर बढ़ा दबाव
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को वेनेजुएला आने-जाने वाले स्वीकृत तेल टैंकरों की “पूरी तरह से नाकाबंदी” का आदेश जारी कर दिया है। इस फैसले से वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव और बढ़ गया है। साथ ही, यह कदम क्षेत्र में अमेरिका की सैन्य और आर्थिक रणनीति को भी उजागर करता है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए “TOTAL BLOCKADE” शब्दों को कैपिटल लेटर्स में लिखा, जिससे अमेरिका की आक्रामक नीति का स्पष्ट संकेत मिलता है। उन्होंने इस क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना और सैन्य उपस्थिति बढ़ाने की बात भी कही।
मादुरो सरकार पर सीधा हमला
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयान में वेनेजुएला की मादुरो सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने संकेत दिया कि वेनेजुएला को अमेरिका को जमीन, तेल और संपत्तियां सौंपनी चाहिए। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यह सैन्य अभियान केवल ड्रग तस्करी के खिलाफ कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे व्यापक आर्थिक उद्देश्य भी जुड़े हुए हैं।
अमेरिकी नौसेना की बड़ी तैनाती का दावा
ट्रंप ने मंगलवार रात कहा कि वेनेजुएला इस समय दक्षिण अमेरिका के इतिहास के सबसे बड़े नौसैनिक बेड़े से घिरा हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह सैन्य घेराबंदी और भी बढ़ाई जाएगी और वेनेजुएला को ऐसा झटका लगेगा, “जो उसने पहले कभी नहीं देखा होगा।”
ट्रंप की इस टिप्पणी को वेनेजुएला पर संभावित जमीनी हमले की धमकी के रूप में भी देखा जा रहा है, जिससे कराकस में चिंता का माहौल है।
तेल भंडार होने के बावजूद संकट
वेनेजुएला के पास दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार हैं, लेकिन लंबे समय से लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण देश अपनी पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर पा रहा है। वर्तमान में वेनेजुएला का अधिकांश तेल चीन को निर्यात किया जाता है।
गौरतलब है कि अमेरिका ने 2005 से वेनेजुएला पर आर्थिक और व्यापारिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। ट्रंप का यह नया आदेश इन प्रतिबंधों को और अधिक सख्त बनाता है, जिससे वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ने की आशंका है।
क्षेत्रीय तनाव बढ़ने के संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि तेल टैंकरों की नाकाबंदी से न केवल वेनेजुएला बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार और अमेरिका-चीन संबंधों पर भी असर पड़ सकता है। आने वाले दिनों में इस फैसले के कूटनीतिक और सैन्य परिणाम और स्पष्ट हो सकते हैं।




