📍 कछार (असम), 10 जून (हि.स.)
असम के कछार जिले में ड्रग्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 45 करोड़ रुपये मूल्य की 1.5 लाख याबा टैबलेट बरामद की हैं। यह बरामदगी दो अलग-अलग अभियानों के दौरान की गई है। पुलिस ने चार तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो इन मादक गोलियों को रसोई गैस सिलेंडर में छुपाकर तस्करी कर रहे थे।
🚨 मुख्यमंत्री ने दी जानकारी:
राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस ऑपरेशन की जानकारी साझा की। उन्होंने कछार पुलिस की सराहना करते हुए लिखा:
“कछार पुलिस द्वारा दो सफल अभियानों में 1.5 लाख याबा टैबलेट जब्त कर 45 करोड़ की तस्करी को रोका गया है। मादक पदार्थों के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है।”
🕵️ तस्करी का तरीका था बेहद शातिर:
गिरफ्तार आरोपियों ने रसोई गैस सिलेंडर के अंदर गोलियों को छुपा रखा था, जिससे किसी को शक न हो। पुलिस को गोपनीय सूचना के आधार पर यह सफलता मिली। दोनों ऑपरेशन बैक-टू-बैक अंजाम दिए गए।
⚖️ कानूनी कार्रवाई:
पुलिस ने इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और विस्तृत जांच जारी है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने तस्करी नेटवर्क से जुड़े और लोगों के नाम उजागर किए हैं, जिनकी तलाश जारी है।
📌 पृष्ठभूमि:
असम सरकार और पुलिस लगातार नशीली दवाओं के नेटवर्क के खिलाफ सख्त अभियान चला रही है। बीते कुछ वर्षों में याबा टैबलेट, हेरोइन और गांजे की भारी खेप जब्त की जा चुकी है। याबा टैबलेट आमतौर पर म्यांमार और भारत के सीमावर्ती राज्यों के जरिए तस्करी की जाती है।
🔎 क्या है याबा टैबलेट?
- याबा एक खतरनाक सिंथेटिक ड्रग है, जिसमें मेथामफेटामिन और कैफीन होता है।
- इसका उपयोग उत्तेजक के रूप में किया जाता है और यह मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालती है।
- यह विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में युवाओं के बीच तेजी से फैलती लत बन चुकी है।