अमेरिका ने किया संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र अस्वीकार
न्यूयॉर्क, 26 सितंबर। अमेरिका ने पुरानी बीमारियों और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर तैयार किए गए संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक घोषणापत्र को अस्वीकार कर दिया है। ट्रंप प्रशासन ने कहा कि इस घोषणापत्र की भाषा और दृष्टिकोण पर गंभीर आपत्तियां हैं।
ट्रंप प्रशासन की आपत्तियां
संयुक्त राष्ट्र में बोलते हुए अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश में पुरानी बीमारियों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन यह दस्तावेज़ “संयुक्त राष्ट्र की उचित भूमिका से आगे बढ़कर सबसे जरूरी स्वास्थ्य मुद्दों की अनदेखी करता है।”
उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बार-बार उल्लेख पर भी आपत्ति जताई और कहा कि जब तक इसमें “मौलिक सुधार” नहीं होते, तब तक यह संगठन नेतृत्व का दावा नहीं कर सकता।
वैश्विक खाद्य संकट और अमेरिका की प्राथमिकता
कैनेडी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के संकट से निपटने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन की पहली प्राथमिकता “अमेरिका को फिर से स्वस्थ बनाना” है।
संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य
संयुक्त राष्ट्र के गैर-बाध्यकारी घोषणापत्र में 2030 तक कुछ विशिष्ट लक्ष्य तय किए गए हैं, जैसे तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या में 15 करोड़ की कमी, उच्च रक्तचाप नियंत्रित करने वालों की संख्या में वृद्धि और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक अधिक लोगों की पहुंच।
विवादित प्रावधानों पर आपत्ति
अमेरिका ने कहा कि घोषणापत्र “विवादों से भरा” है और इसमें कर, दमनकारी प्रबंधन और लैंगिक विचारधाराओं को बढ़ावा देने वाले प्रावधान शामिल हैं। साथ ही, अमेरिका ने गर्भपात को संवैधानिक या अंतरराष्ट्रीय अधिकार मानने से भी इनकार कर दिया।