पेंशन बढ़ाई गई लोकतंत्र सेनानियों के लिए
उत्तराखंड सरकार ने आपातकाल के दौरान जेलों में यातनाएं झेलने वाले लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन बढ़ाने का निर्णय लिया। अब लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन में परिवहन और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं भी शामिल होंगी।
मीसा और भूमिगत सेनानी भी सम्मानित
सरकार ने मीसा और भूमिगत आंदोलन में सक्रिय रहे सेनानियों को भी पेंशन और अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव पास किया है। इसे गैरसैण में आयोजित विधानसभा में पेश किया जाएगा।
सम्मान निधि कानून के तहत सुरक्षा
पूर्व में त्रिवेंद्र सरकार ने प्रतिमाह 20 हजार रुपये की सम्मान निधि देना शुरू किया था। अब नया ड्राफ्ट मीसा व भूमिगत सेनानियों को भी शामिल करेगा। इस कानून से सेनानियों के हक को स्थायी सुरक्षा मिलेगी।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आपातकाल लगा था। इस दौरान जेलों में बंद विपक्षी नेताओं और जनसंघ, आरएसएस के कार्यकर्ताओं को यातनाएं दी गई थीं। उत्तराखंड में 82 पंजीकृत लोकतंत्र सेनानी इस सूची में शामिल हैं।
अंतिम मोहर गैरसैण में
धामी मंत्रिमंडल के प्रस्ताव पर 19 अगस्त को गैरसैण में शुरू हो रहे मानसून सत्र में अंतिम मंजूरी मिलने की संभावना है। इस फैसले से सेनानियों और उनके परिवारों का सम्मान और पेंशन स्थायी रूप से सुनिश्चित होगी।