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वृद्धावस्था पेंशन का सत्यापन शुरु, अपात्रों को नहीं मिलेगा लाभ

जीवित को मृतक दर्शाने वाले सत्यापनकर्ता अधिकारी, कर्मचारी पर होगी कड़ी कार्रवाई

लखनऊ, 19 अप्रैल (हि.स.)। बुजुर्गों को बेहतर जीवन देने के लिए समाज कल्याण विभाग राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना चला रहा है। वास्तविक और पात्र लाभार्थियों तक ही योजना का लाभ पहुंच सके, इसके लिए नए वित्तीय वर्ष 2025-26 में पेंशन भुगतान के लिए सूची में शामिल लाभार्थियों के सत्यापन का कार्य शुरू कर दिया गया है।

शासन की ओर से समस्त मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिसके अंतर्गत वृद्धावस्था पेंशन के 61 लाख लाभार्थियों का सत्यापन 25 मई तक किया जाएगा। मृतक एवं अपात्र पाए गए पेंशनरों को सूची से हटाकर, उनकी जगह नए पात्र लाभार्थियों को लाभांवित किया जाएगा। विभाग की ओर से 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के बीपीएल आय सीमा के अंतर्गत वृद्धजनों को प्रतिमाह एक हजार रुपये की पेंशन डीबीटी के माध्यम से तिमाही प्रदान की जा रही है। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश का निवासी होना जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक की वार्षिक आय 46,080 रुपये और शहरी क्षेत्र में वार्षिक आय 56,460 रुपये से कम होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में सत्यापन बीडीओ के माध्यम से और शहरी क्षेत्र में जिलाधिकारी ने एसडीएम अथवा अधिशाषी अधिकारी के माध्यम से करवाया जा रहा है।

समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने समस्त मंडलीय उप निदेशक एवं समाज कल्याण अधिकारियों को 10 फीसदी क्रॉस वेरिफिकेशन करते हुए सत्यापन की गुणवत्ता का परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। जिसके आधार पर जीवित पेंशनर्स को मृतक दर्शाए जाने वाले सत्यापनकर्ता अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ जिलाधिकारी की ओर से दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि सत्यापन समयबद्ध और गुणवत्तापरक हो।

जीरो पावर्टी अभियान के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने हर गांव से 25 परिवार चिन्हित किए गए हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इन परिवारों को समाज की मुख्य की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए समाज कल्याण विभाग ने कार्यवाही शुरू कर दी है। चिन्हित परिवारों के 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के वृद्धजनों को भी सत्यापन के दौरान पात्रता के अनुसार आवेदन करवाए जाएंगे और उनको लाभ दिलवाया जाएगा। उन्हें जून माह से प्रथम किश्त की पेंशन दी जाएगी।

इस योजना को पारदर्शी बनाने के लिए तकनीक का प्रयोग कर कई ठोस कदम उठाए गए हैं। इसके लिए लाभार्थियों को समय से पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करवाने के लिए उनके आधार प्रमाणीकरण की कार्यवाही की जाती है। लाभार्थियों के आधार और मोबाइल नंबर को बैंक खातों से लिंक करवाया जाता है। एकीकृत पोर्टल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि एक व्यक्ति किसी एक पेंशन में ही लाभ प्राप्त कर सके।

समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने अपने बयान में कहा कि प्रदेश की डबल इंजन की सरकार बुजुर्गों के सुरक्षा, सम्मान और बेहतर स्वास्थ्य के लिए लगातार कार्य कर रही है। वृद्धावस्था पेंशन में मृतक एवं अपात्र पेंशनरों को सूची से बाहर कर उनके स्थान पर नए पात्र लाभार्थियों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।

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