Dussehra festival का महत्व
दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहते हैं, नवरात्रि के बाद दसवें दिन (1 अक्टूबर 2025) मनाया जाता है। Why Celebrate Dussehra festival ? यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। नवरात्रि (22 सितंबर से 30 सितंबर 2025) में माता दुर्गा की पूजा के बाद दशहरा राम-रावण युद्ध और माता की विजय का उत्सव है।
Why Celebrate Dussehra festival?
Why Celebrate Dussehra? दशहरा दो प्रमुख पौराणिक कथाओं से जुड़ा है:
- राम-रावण युद्ध: भगवान राम ने रावण का वध कर सीता को मुक्त किया। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
- माता दुर्गा की विजय: माता दुर्गा ने नौ दिन युद्ध कर महिषासुर का वध किया। दशहरा उनकी विजय का उत्सव है। दशहरा साहस, धर्म और शक्ति का पर्व है।
Dussehra festival की प्रमुख परंपराएं
Dussehra पर कई रस्में निभाई जाती हैं। Why Celebrate Dussehra में इनका महत्व समझें।
- रावण दहन: रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। यह बुराई का अंत दर्शाता है।
- शस्त्र पूजा: शस्त्र और औजारों की पूजा होती है। यह शक्ति, सुरक्षा का प्रतीक है।
- रामलीला: रामायण की कथा पर आधारित नाटक आयोजित होते हैं।
- कन्या पूजन: नवमी के बाद दशहरा पर भी कुछ क्षेत्रों में कन्याओं का पूजन होता है।
रावण दहन का महत्व
Why Celebrate Dussehra में रावण दहन मुख्य परंपरा है।
- रावण के पुतले में बुराई (अहंकार, क्रोध) का प्रतीक जलाया जाता है।
- आतिशबाजी के साथ उत्सव मनाया जाता है।
- यह मन को शुद्ध करने, बुरे विचार त्यागने का संदेश देता है। रावण दहन सामाजिक एकता और उत्साह बढ़ाता है।
शस्त्र पूजा की परंपरा
दशहरा पर शस्त्र पूजा साहस और सुरक्षा का प्रतीक है। Why Celebrate Dussehra में इसे समझें।
- योद्धा, किसान, कारीगर अपने हथियार, औजार पूजते हैं।
- माता दुर्गा और भगवान राम का आशीर्वाद मांगा जाता है।
- यह शक्ति और कौशल की रक्षा का प्रतीक है। शस्त्र पूजा से कार्य में सफलता मिलती है।
दशहरा के लिए सात्विक भोजन
Why Celebrate Dussehra में सात्विक भोजन का महत्व है।
- पूरी-छोले: दशहरा पर पारंपरिक भोजन।
- खीर: माता को भोग, परिवार में प्रसाद।
- फलाहार: केला, सेब, अनार।
- मिठाई: तिल के लड्डू, नारियल बर्फी। सात्विक भोजन से शुद्धता, भक्ति बढ़ती है।
दशहरा के लिए ड्रेस
Why Celebrate Dussehra में पारंपरिक ड्रेस पहनें।
- महिलाएं: लाल, पीली साड़ी या लहंगा-चोली।
- पुरुष: कुर्ता-पायजामा, धोती।
- गरबा/रामलीला: लाल, सुनहरा लहंगा या शरारा।
- एक्सेसरीज: चूड़ियां, मांग टीका, झुमके। पारंपरिक ड्रेस से उत्सव में भक्ति बढ़ाएं।
दशहरा की सावधानियां
Dussehra में सावधानियां जरूरी हैं।
- रावण दहन में सुरक्षा नियमों का पालन करें।
- शस्त्र पूजा में शुद्धता, श्रद्धा रखें।
- तामसिक भोजन (मांस, मदिरा) से बचें।
- झूठ, क्रोध, विवाद न करें। सात्विकता से दशहरा का फल प्राप्त करें।
दशहरा 2025 की तैयारी
नवरात्रि (22 सितंबर से) के बाद दशहरा (1 अक्टूबर 2025)। Why Celebrate Dussehra के लिए तैयार रहें।
- पूजा सामग्री, भोजन पहले से तैयार करें।
- रावण दहन, रामलीला आयोजनों में शामिल हों।
- सात्विक ड्रेस, भोजन से उत्सव मनाएं। Why Celebrate Dussehra से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश लें।