📍 बेंगलुरु, 13 जून (हि.स.) — बहुचर्चित योगेश गौड़ा हत्याकांड में आरोपी कांग्रेस विधायक विनय कुलकर्णी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके तुरंत बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर परप्पना अग्रहारा जेल भेज दिया है।
🔹 क्या है पूरा मामला?
- जून 2016 में भाजपा के धारवाड़ जिला पंचायत सदस्य योगेश गौड़ा की धारवाड़ स्थित जिम में हत्या कर दी गई थी।
- नवम्बर 2020 में सीबीआई ने इस हत्याकांड में कथित संलिप्तता को लेकर विनय कुलकर्णी को गिरफ्तार किया था।
- सितंबर 2019 में राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।
🔹 सुप्रीम कोर्ट का आदेश
- 6 जून 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने विनय कुलकर्णी की जमानत रद्द करते हुए उन्हें एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया था।
- कोर्ट ने पाया कि उन्होंने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की, जिससे जमानत की शर्तों का उल्लंघन हुआ।
🔹 कोर्ट में क्या हुआ?
- शुक्रवार को बेंगलुरु स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में उन्होंने सरेंडर किया।
- उन्होंने कुछ समय की मोहलत मांगी, लेकिन अदालत ने इंकार कर दिया।
- इसके बाद सीबीआई को सौंप दिया गया, जिसने उन्हें परप्पना अग्रहारा जेल भेज दिया।
🔹 प्रमुख बिंदु:
- योगेश गौड़ा की हत्या का मामला राजनीति और अपराध के गठजोड़ का प्रतीक बन चुका है।
- कुलकर्णी पर गवाहों को धमकाने और केस को प्रभावित करने के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं।
- सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद, कानूनी शिकंजा अब और कसता दिखाई दे रहा है।