महाकुम्भ नगर, 30 जनवरी (हि.स.)। प्रयागराज महाकुम्भ में हादसे के बाद भी श्रद्धालुओं का रेला लगा हुआ है। गुरुवार सुबह दस बजे तक 92.90 से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। लगातार श्रद्धालुओं का आगमन जारी है।
अपर मेला अधिकारी महाकुम्भ विवेक चर्तेदी ने बताया कि बुधवार की रात से स्नान जारी है। गुरुवार की अल सुबह से अब तक 10 लाख से अधिक कल्पवासी और आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 82.90 लाख से अधिक पहुंच चुकी है। श्रद्धालु संगम के सभी तटों पर पतित पावनी मां गंगा, यमुना के सभी घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहें है।
महाकुम्भ में 144 वर्ष ऐसे पुण्य संयोग में 29 जनवरी तक 27.58 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुकें है, तीर्थयात्रियों का आगमन जारी है। सुरक्षा के मद्देनजर सभी स्नान घाटों पर बचाव रात दल, जल पुलिस एवं गोताखोर लगातार निगरानी में लगे हुए हैं। भीड़ पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए घाटों से स्नान कर चुके श्रद्धालुओं को हटाने के लिए लगातार आवाज लगाते हुए बाहर निकाला जा रहा है।
महाकुम्भ भीड़ के मद्देनजर किए गए पांच बड़े बदलाव
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ राजेश द्विवेदी ने संगम तट पर हुए दुखद हादसे के बाद कड़ा कदम उठाते हुए मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इतना ही नहीं पुलिस कर्मचारियों के भी वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एकल मार्ग की व्यवस्था लागू किया है। सभी प्रकार के बीबीआईपी पास भी रद्द कर दिया गया। किसी भी विशेष पास के जरिए वाहन को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
श्रद्धालुओं को एक मार्ग से संगम तट पर बने घाटों पर तक पहुंचने एवं दूसरे मार्ग से स्नान करने के बाद वापस जाने का मार्ग बनाया गया है।
प्रयागराज के पड़ोसी जिलों के प्रमुख मार्गो पर वाहनों के आवागमन पर लगाया प्रतिबंध
श्रद्धालुओं का आगमन जारी है। हादसे पर आस्था भारी पड़ चुकी है। श्रद्धालुओं का रेला लगा हुआ है।
प्रयागराज शहर में 4 फरवरी तक चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ एवं पुलिस आयुक्त प्रयागराज ने शहर क्षेत्र में प्रवेश करने वाले मार्गो पर सभी बड़े वाहनों के प्रवेश पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है। आकस्मिक सेवा के लिए एम्बुलेंस एवं अग्निशमन को छोड़कर सभी के प्रवेश पर प्रतिबंधित रहेंगे। प्रशासन का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य कुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचाने में सहयोग करें।