Mon, Nov 17, 2025
19 C
Gurgaon

सुप्रीम कोर्ट ने जज बनने के लिए तीन वर्ष वकालत का अनुभव अनिवार्य किया

नई दिल्ली, 20 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने जज बनने के लिए तीन वर्ष तक वकालत के अनुभव की अनिवार्यता को फिर बहाल कर दिया। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वकालत का अनुभव किसी वकील के औपचारिक रूप से एनरॉल होने की तिथि से मान्य होगा। जिन हाई कोर्ट ने आज से पहले जजों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है उन पर यह आदेश लागू नहीं होगा। आज के बाद से तीन वर्ष का अनुभव अनिवार्य होगा।

सनद रहे कि शुरुआत में जज के पद पर नियुक्त होने के लिए बतौर वकील तीन वर्ष का अनुभव अनिवार्य था। 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन वर्ष के अनुभव को समाप्त करते हुए नये लॉ ग्रेजुएट को भी जज के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने का रास्ता खोल दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 28 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। एमिकस क्यूरी सिद्धार्थ भटनागर ने नए लॉ ग्रेजुएट को जज के पद पर आवेदन करने की छूट पर सवाल खड़े किए थे। सुनवाई के दौरान अधिकतर हाई कोर्ट ने तीन वर्ष के न्यूनतम अनुभव को बहाल करने की वकालत की थी। केवल सिक्किम और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने नए वकीलों को जज के रूप में नियुक्ति के लिए आवेदन करने की छूट का समर्थन किया था।

Archita phukan का वायरल वीडियो लिंक, क्या है नजारा?

असम की सोशल मीडिया सनसनी Archita phukan, उर्फ बेबीडॉल आर्ची, ने ‘डेम अन ग्रर’ पर बोल्ड डांस वीडियो से इंटरनेट पर धूम मचा दी। लेकिन MMS लीक और पॉर्न इंडस्ट्री की अफवाहों ने विवाद खड़ा कर दिया। वीडियो में क्या है नजारा, और क्या है सच?

SGT University में नजीब जंग ने की डिस्टेंस और ऑनलाइन एजुकेशन सेंटर की घोषणा!

SGT यूनिवर्सिटी में नजीब जंग ने सिर्फ प्रेरणा नहीं दी, बल्कि एक नई शिक्षा क्रांति की नींव भी रखी। क्या है इसकी खासियत?

SGT विश्वविद्यालय में रक्तदान शिविर: चरक जयंती पर मानवता की अनमोल मिसाल

SGT विश्वविद्यालय में चरक जयंती पर लगे रक्तदान शिविर ने आयुर्वेद की मूल भावना – सेवा और करुणा – को जीवंत किया।

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories