📍 कोलकाता, 10 जून (हि.स.) — राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित शताब्दी समारोह का प्रमुख आयोजन पश्चिम बंगाल में महालया के दिन किया जाएगा। आमतौर पर यह कार्यक्रम विजयादशमी पर होता है, लेकिन बंगाल में दुर्गापूजा और दशहरा की व्यस्तताओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। यह निर्णय बंगाली भावनाओं को सम्मान देने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
🎯 विशेष आयोजन, बंगाल के लिए खास दिन
विजयादशमी पर संघ प्रमुख का देशभर के स्वयंसेवकों को संबोधन वार्षिक परंपरा है, जिसमें संगठन की समीक्षा और भविष्य की दिशा तय होती है। लेकिन बंगाल में स्थानीय पर्वों के कारण स्वयंसेवकों की भागीदारी सीमित हो जाती है। इस बार महालया (नवरात्र पूर्व संध्या) को चुनकर इस चुनौती का समाधान किया गया है।
🗣️ संघ का बंगाल से गहरा संबंध
दक्षिण बंगाल प्रांत के प्रचार उप प्रमुख बिप्लव राय ने बताया कि संघ का बंगाल से पुराना नाता रहा है। संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार ने कोलकाता मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान अनुशीलन समिति से जुड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था। वहीं, उन्होंने पुलिन बिहारी दास के अखाड़े में लाठी चलाना सीखा था, जो आज संघ की पहचान बन चुकी है।
📅 क्या होगा इस दिन
- महालया को उत्तर, मध्य और दक्षिण बंगाल के तीनों प्रांतों में संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत का भाषण सुनना अनिवार्य होगा।
- किसी बड़े जुलूस या रैली की अनिवार्यता नहीं होगी।
- 52 अखिल भारतीय सहयोगी संगठन, जैसे कि बीएमएस, संस्कार भारती, शिक्षण मंडल, सहकार भारती, शैक्षिक महासंघ और सीमांत चेतना जैसे संगठन भी शामिल रहेंगे।
- भाजपा कार्यकर्ता जो स्वयंसेवक भी हैं, वे भी हिस्सा लेंगे।
📌 नज़र रखें: संघ का यह आयोजन बंगाल में उसकी सामाजिक और वैचारिक उपस्थिति को मज़बूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।