📍 काठमांडू, 13 जून (हि.स.) — नेपाल की संसद में बीते 17 दिनों से जारी गतिरोध को माओवादी पार्टी और सरकार के बीच हुई सहमति ने आंशिक रूप से खत्म कर दिया है। गृह मंत्री रमेश लेखक के इस्तीफे की मांग को पीछे छोड़ते हुए माओवादी दल ने संसद को सुचारु रूप से चलने देने पर सहमति व्यक्त की है। हालांकि, अन्य विपक्षी दलों — राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी — ने संसद में अपना विरोध जारी रखने का ऐलान किया है।
🛑 गृह मंत्री के इस्तीफे को लेकर हुआ था गतिरोध
माओवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने मानव तस्करी के मामले में गृह मंत्री रमेश लेखक की जवाबदेही और इस्तीफे की मांग को लेकर संसद की कार्यवाही को ठप कर दिया था। अब माओवादी पार्टी इस मांग से पीछे हट गई है।
🤝 सरकार से हुआ समझौता
सत्तारूढ़ दल और माओवादी पार्टी के बीच हुए समझौते के अनुसार,
- माओवादी पार्टी संसद के बजट सत्र को बाधित नहीं करेगी।
- सरकार मानव तस्करी मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेगी।
- बजट सत्र को बिना और विलंब के पारित करने में सहयोग दिया जाएगा।
🗣️ माओवादी प्रमुख सचेतक हितराज पांडे ने कहा:
“बजट सत्र को लंबे समय तक रोकना जनता के हित में नहीं है, इसलिए हमारी पार्टी ने अवरोध हटाने का निर्णय लिया है।”
⚠️ बाकी विपक्षी दल अब भी अड़े
हालांकि माओवादी पार्टी सरकार के साथ आ गई है, लेकिन बाकी प्रमुख विपक्षी दल अब भी अडिग हैं।
राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के सांसद मनीष झा ने कहा:
“माओवादी पार्टी का समर्थन अपनी जगह है, लेकिन गृह मंत्री के इस्तीफे के बिना हमारा विरोध समाप्त नहीं होगा।”
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने भी इस मुद्दे पर संसद में अवरोध बनाए रखने की घोषणा की है।
📊 राजनीतिक विश्लेषण:
यह समझौता जहां सरकार के लिए तत्काल राहत बनकर सामने आया है, वहीं यह स्पष्ट करता है कि राजनीतिक असहमति अभी भी गहरी है। बजट पारित करने में सहूलियत तो मिल गई, लेकिन पूर्ण राजनीतिक सहमति अभी भी दूर की बात है।