📍 गुवाहाटी, 15 जून (हि.स.) — असम के वीर स्वतंत्रता सेनानी शहीद कुशल कोंवर की पुण्यतिथि पर शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के इस महान सपूत को देशभक्ति और बलिदान का प्रतीक बताया।
🇮🇳 मुख्यमंत्री सरमा ने कहा:
“एक सच्चे सपूत की अपनी मातृभूमि के प्रति जो निष्ठा और प्रेम था, वह आज भी हमें प्रेरणा देता है। हम उनके इस बलिदान और समर्पण को सदा सम्मानपूर्वक स्मरण करते हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद कुशल कोंवर का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम अध्याय में दर्ज है। उनके राष्ट्रप्रेम और आत्मबलिदान को लक्षधर चौधरी की एक कविता से जोड़ते हुए उन्होंने उस कविता की पंक्तियों के माध्यम से भी उन्हें नमन किया।
🔹 शहीद कुशल कोंवर कौन थे?
- भारत छोड़ो आंदोलन 1942 के दौरान असम के गोलाघाट जिले के रहने वाले कुशल कोंवर ने ब्रिटिश दमन के विरुद्ध आवाज उठाई।
- उन्हें झूठे आरोप में फांसी दी गई, और वे असम के पहले शहीद सरपंच बने जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया।
🕊️ राज्य की कृतज्ञता:
मुख्यमंत्री का यह वक्तव्य राज्य की तरफ़ से शहीद के प्रति कृतज्ञता और आदर का प्रतीक है। यह संदेश न सिर्फ़ उनके बलिदान को याद करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी देशभक्ति और नैतिक साहस का संदेश देता है।