नई दिल्ली, 18 जून — प्रमुख रेटिंग एजेंसी ICRA ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक आउटलुक जारी किया है। एजेंसी ने भविष्यवाणी की है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की वास्तविक GDP ग्रोथ 6.5% से अधिक हो सकती है, जबकि GVA ग्रोथ 6.3% रहने का अनुमान है।
ICRA का मानना है कि ग्रामीण मांग मजबूत बनी रहेगी, खासकर रबी फसलों से हुई आय और जलाशयों में अधिक जलस्तर की वजह से। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा GDP का 4.4% और चालू खाता घाटा 1% रह सकता है।
महंगाई के मोर्चे पर, CPI आधारित खुदरा महंगाई 4.2% से ऊपर और WPI आधारित थोक महंगाई 2.7% से अधिक रहने की उम्मीद जताई गई है।
🔎 GDP और GVA क्या होते हैं?
GDP (सकल घरेलू उत्पाद) पूरे देश में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य दर्शाता है, जबकि GVA (सकल मूल्य वर्धन) मध्यवर्ती लागत को घटाकर शुद्ध उत्पादन दिखाता है।
इससे पहले, RBI और HSBC जैसे संस्थानों ने भी भारत की GDP ग्रोथ को क्रमश: 6.5% और 6.2% बताया था। ये आंकड़े बताते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक अस्थिरता के बीच स्थायित्व और विकास की दिशा में अग्रसर है।