नेपाल की राजनीति में हलचल
विद्या भंडारी की वापसी ने प्रधानमंत्री ओली की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उन्होंने खुलकर नेतृत्व पर सवाल उठाए।
क्यों दी चुनौती
काठमांडू में आयोजित सभा में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि पार्टी और देश की दिशा गलत है। बदलाव जरूरी है।
ओली हुए असहज
केपी शर्मा ओली इस सभा में शामिल तो हुए, लेकिन विद्या भंडारी के भाषण से पहले ही वहां से चले गए।
क्या कहा विद्या भंडारी ने
उन्होंने कहा, “मैं अंतिम सांस तक राजनीति में सक्रिय रहूंगी। देश को नए नेतृत्व की जरूरत है।”
पार्टी संविधान का हवाला
उन्होंने साफ कहा कि संविधान में पूर्व राष्ट्रपति की राजनीति में वापसी पर कोई रोक नहीं है। यह उनका अधिकार है।
कार्यकर्ताओं में असंतोष
विद्या भंडारी का दावा है कि कार्यकर्ता और जनता दोनों नेतृत्व बदलना चाहते हैं। पार्टी अधिवेशन में बदलाव तय है।
ओली के लिए संकेत
विद्या भंडारी की वापसी सिर्फ व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि राजनीतिक संकेत भी है—पार्टी में नेतृत्व का संकट गहरा है।
क्या होगा आगे
नेकपा एमाले के विधान अधिवेशन में बड़ा उलटफेर संभव है। भंडारी नेतृत्व की दावेदार के रूप में उभर सकती हैं।