ढाका, 17 नवंबर। बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 आज दोपहर देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना, पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून के खिलाफ फैसला सुनाएगा। शेख हसीना पर आरोप मानवता के विरुद्ध अपराधों से जुड़े हैं। यह मामले जुलाई-अगस्त 2024 के भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से संबंधित हैं।
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, अभियोजन पक्ष द्वारा दायर आरोप-पत्र 8,747 पृष्ठों का है।
भड़काऊ बयान और हमलों का आरोप
अभियोजन पक्ष का दावा है कि 14 जुलाई 2024 को गणभवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शेख हसीना ने भड़काऊ बयान दिया। इसके बाद पुलिस और सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर छात्रों और आम नागरिकों पर समन्वित हमले किए।
न्यायाधिकरण यह जांच रहा है कि क्या हसीना, कमाल और मामून ने इन हमलों को उकसाया, समर्थन किया या रोकने में विफल रहे। शेख हसीना पर आरोप है कि उन्होंने हेलीकॉप्टर, ड्रोन और गोला-बारूद के उपयोग का आदेश दिया। कमाल और मामून पर इसे लागू करने का आरोप है।
अबू सईद की हत्या का आरोप
16 जुलाई 2024 को रंगपुर के बेगम रोकेया विश्वविद्यालय के सामने अबू सईद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अभियोजन पक्ष का कहना है कि यह शीर्ष स्तर के राजनीतिक निर्देशों पर किया गया।
चंखरपुल में छह छात्रों की हत्या
5 अगस्त 2024 को ढाका के चंखरपुल इलाके में छह छात्रों की हत्या हुई। इस कार्रवाई को भी इन तीनों से जोड़ा गया है।
अशुलिया में छह लोगों को मारकर जलाने का आरोप
उसी दिन अशुलिया में छह लोगों को गोली मार दी गई। पांच शवों को जला दिया गया और छठे घायल व्यक्ति को भी कथित तौर पर साथ में जला दिया गया। इन हत्याओं को भी शेख हसीना पर आरोप के रूप में शामिल किया गया है।
अभियोजन बनाम बचाव
मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम का कहना है कि सबूत “हिमालय जितने मजबूत” हैं। वहीं बचाव पक्ष के वकील आमिर हुसैन आरोपों को “झूठा और मनगढ़ंत” बताते हैं।




