उरई, 16 दिसंबर (हि.स.)।
उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद में निजी एवं शासकीय अस्पतालों से निकलने वाले चिकित्सीय अपशिष्ट (मेडिकल वेस्ट) के समुचित निस्तारण न होने की शिकायत को जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने गंभीरता से लिया है। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने एक संयुक्त जांच टीम का गठन किया है।
संयुक्त जांच टीम का गठन
डीएम के निर्देश पर गठित इस टीम की अध्यक्षता नगर मजिस्ट्रेट करेंगे। टीम में सीओ सिटी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को शामिल किया गया है। यह टीम जिले के निजी और शासकीय अस्पतालों का स्थलीय निरीक्षण करेगी।
वेस्ट निस्तारण प्रक्रिया की होगी गहन जांच
जांच टीम अस्पतालों में यह सुनिश्चित करेगी कि जैव-चिकित्सीय अपशिष्ट का संग्रहण, पृथक्करण (सेग्रीगेशन) और निस्तारण निर्धारित मानकों और नियमों के अनुसार किया जा रहा है या नहीं। निरीक्षण के दौरान पूरे वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की बारीकी से जांच की जाएगी।
नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी निजी या शासकीय अस्पताल मेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निस्तारण में लापरवाही बरतते पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध संबंधित कानूनों और अधिनियमों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जनस्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा पर जोर
प्रशासन का कहना है कि चिकित्सीय अपशिष्ट का गलत निस्तारण जनस्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बन सकता है, इसलिए इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।




