नई दिल्ली, 28 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले के आरोपित क्रिश्चियन मिशेल की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दायर जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
ईडी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि क्रिश्चियन मिशेल के भागने का खतरा है और अगर वो एक बार भाग गया तो उसे जांच के लिए दोबारा प्रत्यर्पित कराना काफी मुश्किल होगा। मिशेल के वकील ने कहा कि उसका पासपोर्ट एक्सपायर हो चुका है। मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है और मिशेल छह साल से अधिक समय तक जेल में गुजार चुका है। सुप्रीम कोर्ट सीबीआई के मामले में जमानत दे चुका है।
यह मामला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद में 3600 करोड़ रुपये के घोटाले का है। सीबीआई के मुताबिक मिशेल ने इस घोटाले की कुछ रकम 2010 के बाद हासिल की और कुछ 2010 के बाद। 3600 करोड़ रुपये के इस घोटाले में ईडी ने मिशेल को जनवरी 2019 में गिरफ्तार किया था। मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर दिसंबर 2018 में भारत लाया गया था। 23 अक्टूबर 2020 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 19 सितंबर 2020 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।
चार्जशीट में क्रिश्चियन मिशेल, राजीव सक्सेना, अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल के डायरेक्टर जी सापोनारो और वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी के रिश्तेदार संदीप त्यागी समेत 13 को आरोपी बनाया गया है। इस चार्जशीट में पूर्व सीएजी और पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को आरोपित नहीं बनाया गया है, क्योंकि उनके खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अभी सीबीआई को कोई स्वीकृति नहीं मिली है।